महज 14 साल की उम्र से शुरू हुआ बाबा रामदेव के योग ऋषि बनने का सफर, जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें
योगऋषि स्वामी रामदेव का जन्म हरियाणा के एक गांव में हुआ था. स्वामी रामदेव ने 14 साल की उम्र में हरियाणा के जींद में कलवा के गुरुकुल में एजुकेशन हासिल की थी.
स्वामी रामदेव ने 14 साल की उम्र में हरियाणा के कलवा गांव के गुरुकुल में एडमिशन लिया था. जहां उन्होंने संस्कृत और योग की शिक्षा ली. स्वामी रामदेव ने संस्कृत व्याकरण, योग में दर्शन, वेद और उपनिषद की स्पेशिलिटी के साथ पोस्टग्रेजुएशन में आचार्य की डिग्री ली. स्वामी रामदेव ने आगे चलकर महर्षि दयानंद की लाइफ से इंस्पायर होकर सत्यार्थ प्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि के बारे में भी पढ़ाई की. स्वामी रामदेव के जीवन पर महर्षि पतंजलि का गहरा प्रभाव रहा है. स्वामी रामदेव ने अपने जीवन में ब्रह्मचर्य और तपस्या के मार्ग पर चले. गुरुकुलों में योग, पाणिनि की अष्टाध्यायी और पतंजलि के महाभाष्य सिखाने के बाद, वे हिमालय की गंगोत्री गुफाओं की यात्रा पर निकल गए थे. स्वामी रामदेव ने पतंजलि के योग और आयुर्वेदिक मेडिकल टेक्निक को लोगों के बीच पॅापुलर किया. बाबा रामदेव हमेशा से आर्युवेद और योग को अपनाने के लिए दुनिया भर के लोगों में अवेयरनेस लाने का काम करते हैं.
रामेदव ने लाए योग रेवोल्यूशन
बाबा रामदेव ने योग के लिए अपनी दो पॅापुलर हिंदी बुक्स योग साधना एवं योग चिकित्सा रहस्य और प्राणायाम रहस्य में योग से होने वाले फायदों के बारे में बताया है. बाबा रामदेव के योग शिविरों में देश के सभी हिस्सों से हजारों लोग भाग लेते हैं. रामदेव ने आठ प्राणायाम करने पर जोर दिया है. इनमें भस्त्रिका, कपालभाति, बाह्य/अग्निसार, उज्जयी, अनुलोमविलोम, भ्रामरी, उद्गीता, प्रणव प्राणायाम आते हैं. रामदेव ने कुछ सरल घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक दवाएं भी के बारे में भी लोगों के बीच अवेयरनेस बढ़ाई है. स्वामी रामदेव के सिखाए योग और ट्रीटमेंट से कई लोगों को थोड़े ही समय में जबरदस्त रिजल्ट मिले हैं. स्वामी रामदेव को लोगों में बड़े पैमाने पर योग को पॅापुलर करने का क्रेडिट जाता है. स्वामी रामदेव योग को पतंजलि योगपीठ से ट्रेन्ड और सर्टिफाइड योग टीचर के जरिए बढ़े लेवल पर ले गए हैं.
स्वामी रामदेव का बढ़ता वर्चस्व
स्वामी रामदेव ने सबसे पहले 1995 में कनखल, हरिद्वार, उत्तराखंड में दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) की स्थापना की थी. जिसके बाद हिमालय में गंगोत्री में मेडिटेशन सेंटर, ब्रह्मकल्प चिकित्सालय स्थापित किया गया. इसके साथ ही दिव्य फार्मेसी, दिव्य प्रकाशन, दिव्य योग साधना, 2005 में दिल्ली में पतंजलि योगपीठ (ट्रस्ट), पतंजलि योगपीठ, हरद्वार, महाशय हीरालाल अर्श गुरुकुल, किशनगढ़ घसेदा, महेंद्रगढ़, हरियाणा, योग ग्राम और हाल ही में भारत स्वाभिमान (ट्रस्ट) एन दिल्ली की स्थापना की गई है. स्वामी रामदेव ने भारत स्वाभिमान आंदोलन भी शुरू किया है. जिसमें भारतीय सामाजिक, राजनीतिक और इकॅानोमिकल एस्पेक्ट के बारे में लोगों को अवेयर किया जाता है.
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03:36 PM IST